बायोइनफॉरमैटिक्स का परिचय, इतिहास और अनुप्रयोग B.Sc. 3 Year Biotechnology, Paper 2 - Bioinformatics, Unit 1- Introduction, History and Applications of Bioinformatics B.Sc. notes in Hindi

B.Sc. 3 Year Biotechnology, Paper 2 - Bioinformatics, Unit 1- Introduction, History and Applications of Bioinformatics
इकाई 1- बायोइनफॉरमैटिक्स का परिचय, इतिहास और अनुप्रयोग


परिचय (Introduction)

बायोइनफॉरमैटिक्स (जैव सूचना विज्ञान) बायोलॉजी की एक शाखा है जिसमें DNA, RNA और प्रोटीन जैसे बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्यूल्स के स्टोरेज, पुनर्प्राप्ति (retrieval), हेरफेर (manipulation) और वितरण (distribution) से संबंधित जानकारी के साथ डील किया जाता है।

बायोइंफॉर्मेटिक्स शब्द 2 शब्दों से व्युत्पन्न हुआ है - बायो का अर्थ है जीव विज्ञान और इन्फॉर्मेटिक्स (फ्रेंच शब्द) का अर्थ है डेटा प्रोसेसिंग। तो बायोइनफॉरमैटिक्स का पूरा अर्थ, बायोलॉजिकल डेटा प्रोसेसिंग है। इस बहुविषयक क्षेत्र (multidisciplinary field) में बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, सांख्यिकी (statics), भौतिकी (physics), इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित (mathematics) और जैव प्रौद्योगिकी (biotechnology) शामिल हैं।

पोषण संबंधी आवश्यकता के आधार पर बैक्टीरिया का वर्गीकरण, B.Sc Microbiology 1 Year Notes in Hindi

पोषण संबंधी आवश्यकता के आधार पर बैक्टीरिया का वर्गीकरण

Classification of Bacteria on the basis of Nutritional Requirement

B.Sc Microbiology 1 Year 

सभी जीवो के समान बैक्टीरिया को अपनी वृद्धि और समान्य कार्य करने के लिए पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। किसी भी जीव के पोषक तत्व की आवश्यकता उसके जैव रासायनिक संघटन पर निर्भर करती है। बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए एक न्यूट्रिएंट मीडिया की आवश्यकता होती है, जिसमे वृद्धि के लिए जरूरी सभी चीजें शामिल होती हैं। बैक्टीरिया को कल्चर करने के लिए कई प्रकार के कल्चर मीडिया विकसित किए गए हैं, क्योंकि इनकी पोषक तत्वो की अवश्यकता आम तौर पर बदलती रहती है। बैक्टीरिया को पोषण के आधार पर कई प्रकार से विभाजित किया गया है।