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B.Sc Microbiology इम्यून सिस्टम के ऑर्गन्स (लिम्फोइड ऑर्गन), Immunology हिंदी में

इम्यून सिस्टम के ऑर्गन्स 



सभी जीवों के शरीर में बाहरी पैथोजन्स तथा बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम, डिफेन्स सिस्टम के रूप में कार्य करता है अन्य शब्दों में कहे तो, इम्यून सिस्टम हमारे शरीर की पुलिस या आर्मी है जो हमें शारीरिक हानियों से बचाता है तथा शरीर को सुरक्षित रखता है जैसा की हमने बताया यह एक सिस्टम की तरह काम करता है, तो आइये जानते है इस सिस्टम में क्या - क्या शामिल है 

B.Sc माइक्रोबायोलॉजी: इम्यूनिटी क्या है ? इसकी परिभाषा तथा प्रकार हिंदी में

इम्यूनिटी

आपने देखा होगा जब भी हमें कोई छोटी - मोटी चोट लगती है या थोड़ा सर्दी - जुखाम होता है, तो हम बहुत कम ट्रीटमेंट या कभी - कभी बिना ट्रीटमेंट के भी ठीक हो जाते है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर में बीमारियों से लड़ने तथा हमारे शरीर को सुरक्षित रखने के लिए एक सिस्टम काम करता है, जिसे इम्यून सिस्टम कहते है तथा शरीर की बीमारियों या इंफेक्शन से लड़ने की इस क्षमता को इम्यूनिटी कहते है

स्टरलाइजेशन की केमिकल मेथड्स B.Sc 1 Year Microbiology in Hindi

स्टरलाइजेशन की केमिकल मेथड्स 

माइक्रोऑर्गेनिज्म की ग्रोथ को रोकने के लिए या उन्हें पूर्ण रूप से हटाने के लिए विभिन्न प्रकार के केमिकल्स का उपयोग स्टरलाइजेशन प्रक्रिया के दौरान किया जाता है। 

कुछ मुख्य केमिकल निम्नलिखित है - 


1. फिनोल तथा फेनोलिक कम्पाउंड्स - 

सन 1880 में जोसेफ लिस्टर ने सर्वप्रथम फिनोल को डिसइंफेक्टेंट के रूप में उपयोग किया था। फिनोल तथा इसके कम्पाउंड्स बहुत अच्छे व प्रभावी डिसइंफेक्टेंट है लगभग 5% फिनोल का जलीय विलयन सभी प्रकार के माइक्रोऑर्गेनिज्म्स की वेजिटेटिव सेल्स को शीघ्रता से मार सकता है
 

स्टरलाइजेशन की फिजिकल मेथड्स B.Sc Microbiology Hindi

स्टरलाइजेशन

जैसा की हम जानते है, माइक्रोऑर्गेनिज्म्स हर जगह पाए जाते है व कंटामिनेशन अथवा कई इन्फेक्शन वाली बीमारियाँ  फैलाते है, अतः किसी वस्तु से इन्हे हटाना अतिआवश्यक हो जाता है। स्टरलाइजेशन ( निर्जमीकरण या विसंक्रमण ) एक ऐसी प्रकिया को कहा जाता है, जिसके अंतर्गत किसी स्थान या वस्तु से सभी प्रकार के माइक्रोऑर्गेनिज्म्स को पूरी तरह से हटाया जाता है। 

कल्चर मीडिया के प्रकार B.Sc 1 Year, Paper - 2, Unit - 3 Microbiology

कल्चर मीडिया

माइक्रोऑर्गेनिज्म की ग्रोथ तथा रिप्रोडक्शन के लिए साधारण एनवायरमेंट या खाद्य पदार्थ काम नहीं आते है। बैक्टीरिया की ग्रोथ के लिए विशेष प्रकार के मीडियम को तैयार किया जाता है जिसे आम तौर पर कल्चर मीडिया कहा जाता है (यह सॉलिड, लिक्विड या सेमीसोलिड हो सकता है)। कल्चर मीडिया में माइक्रोऑर्गेनिज्म या अन्य कोशिकाओं की वृद्धि के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व उपलब्ध होते है तथा इनमें पोषक तत्वों की सांद्रता उतनी ही होती है जितना वृद्धि के लिए आवश्यक होता हैं। ऐसा नहीं है कि सभी माइक्रोऑर्गेनिज्म एक ही प्रकार के कल्चर मीडिया में विकसित हो सकते हैं, विभिन्न स्पीशीज के माइक्रोऑर्गेनिज्म को अपनी वृद्धि के लिए अलग-अलग पोषक तत्वों तथा तापमान की आवश्यकता होती है। माइक्रोऑर्गेनिज्म की विशेष आवश्यकता के अनुसार भिन्न - भिन्न कल्चर मीडिया तैयार किये जाते हैं। 

Waste water Treatment/Sewage Treatment, Environmental Biotechnology

वेस्ट वाटर/सीवेज ट्रीटमेंट

सभी जीव - जंतुओं तथा पेड़ - पौधों को संरचनात्मक और कार्यात्मक क्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए पानी जीवन के हर रूप के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। लेकिन प्रदूषण के कारण पानी की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित होती है। प्रदूषित जल बीमारियों को फेलाने के लिए सबसे सामान्य स्रोत है। इसके साथ ही इसमें अनेक केमिकल टॉक्सिन पाए जाते हैं। ये सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसलिए ये अनुपचारित रूप में झीलों और नदियों में नहीं जाने दिया जाता है। अतः अपशिष्ट/प्रदूषित जल का उपचार करना और पीने के उद्देश्य के लिए शुद्ध करना अत्यंत आवश्यक है।

Bioinformatics, Biological Database, GenBank Biotechnology B.sc 3 year, Microbiology

डेटाबेस, बायोलॉजिकल डेटाबेस, GenBank

डेटाबेस का परिचय

डेटाबेस किसी भी प्रकार के डेटा को ठीक से संग्रहीत, खोज और पुनः प्राप्त करने के लिए एक सुविधाजनक प्रणाली है। यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग कैबिनेट है, जो कम्प्यूटरीकृत डेटा संग्रह के लिए रिपॉजिटरी या कंटेनर है। यह संबंधित डेटा का सरल और व्यवस्थित संग्रह है जिस तक कई उपयोगकर्ता पहुंच सकते हैं। यह जानकारी की विशाल मात्रा को संग्रहीत करने के लिए सुविधाजनक और कुशल विधि प्रदान करता है। यह खोज मानदंड की विविधता के द्वारा संग्रहीत जानकारी की आसान पुनर्प्राप्ति की अनुमति देता है। बड़ी मात्रा में डेटा पंक्तियाँ और कॉलम के रूप में स्टोर होता है। डेटाबेस लिंक विभिन्न विविध संसाधनों से जानकारी उत्पन्न करता है और विचाराधीन विषय का व्यापक ज्ञान प्रदान करता है। 

रिकोम्बिनेन्ट DNA टेक्नोलॉजी में उपयोग होने वाले आवश्यक एंजाइम्स, B.Sc Microbiology Notes हिंदी में, Biotechnology, M.sc, MP SET, NET, Hindi Notes, rDNA Technology

रिकोम्बिनेन्ट DNA टेक्नोलॉजी में उपयोग होने वाले आवश्यक एंजाइम्स

Essential Enzymes used in Recombinant DNA Technology

रिकोम्बिनेन्ट DNA टेक्नोलॉजी या rDNA टेक्नोलॉजी 1973 में स्टेनली N कोहेन और हर्बर्ट W बोयर द्वारा विकसित की गई थी। rDNA टेक्नोलॉजी में इनविट्रो प्रक्रियाओं का उपयोग करके एक जीव के जीन को दूसरे जीव में स्थानांतरित किया जाता है। विभिन्न गतिविधियों वाले विभिन्न एंजाइम्स का उपयोग rDNA टेक्नोलॉजी में अनिवार्य रूप में किया जाता है।

MP SET 2024 Syllabus हिंदी में, Subject - Life Science Syllabus हिंदी में, MP SET 2024 जीवन विज्ञान, Optional Paper II Life Science

MP SET SYLLABUS
Subject - Life Science
MP SET जीवन विज्ञान

Optional Paper II

SYLLABUS

UNITS:

1. अणु और जीव विज्ञान के साथ उनकी अंतःक्रिया
2. कोशिकीय संगठन
3. मौलिक प्रक्रियाएं
4. सेल संचार और सेल सिग्नलिंग
5. विकासात्मक जीव विज्ञान
6. सिस्टम फिजियोलॉजी - प्लांट
7. सिस्टम फिजियोलॉजी - जन्तु
8. वंशानुक्रम जीवविज्ञान
9. जीवन रूपों की विविधता
10. पारिस्थितिक सिद्धांत
11. विकास एवं व्यवहार
12. अनुप्रयुक्त जीवविज्ञान
13.जीवविज्ञान में विधियाँ

बायोइनफॉरमैटिक्स का परिचय, इतिहास और अनुप्रयोग B.Sc. 3 Year Biotechnology, Paper 2 - Bioinformatics, Unit 1- Introduction, History and Applications of Bioinformatics B.Sc. notes in Hindi

B.Sc. 3 Year Biotechnology, Paper 2 - Bioinformatics, Unit 1- Introduction, History and Applications of Bioinformatics
इकाई 1- बायोइनफॉरमैटिक्स का परिचय, इतिहास और अनुप्रयोग


परिचय (Introduction)

बायोइनफॉरमैटिक्स (जैव सूचना विज्ञान) बायोलॉजी की एक शाखा है जिसमें DNA, RNA और प्रोटीन जैसे बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्यूल्स के स्टोरेज, पुनर्प्राप्ति (retrieval), हेरफेर (manipulation) और वितरण (distribution) से संबंधित जानकारी के साथ डील किया जाता है।

बायोइंफॉर्मेटिक्स शब्द 2 शब्दों से व्युत्पन्न हुआ है - बायो का अर्थ है जीव विज्ञान और इन्फॉर्मेटिक्स (फ्रेंच शब्द) का अर्थ है डेटा प्रोसेसिंग। तो बायोइनफॉरमैटिक्स का पूरा अर्थ, बायोलॉजिकल डेटा प्रोसेसिंग है। इस बहुविषयक क्षेत्र (multidisciplinary field) में बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, सांख्यिकी (statics), भौतिकी (physics), इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित (mathematics) और जैव प्रौद्योगिकी (biotechnology) शामिल हैं।

पोषण संबंधी आवश्यकता के आधार पर बैक्टीरिया का वर्गीकरण, B.Sc Microbiology 1 Year Notes in Hindi

पोषण संबंधी आवश्यकता के आधार पर बैक्टीरिया का वर्गीकरण

Classification of Bacteria on the basis of Nutritional Requirement

B.Sc Microbiology 1 Year 

सभी जीवो के समान बैक्टीरिया को अपनी वृद्धि और समान्य कार्य करने के लिए पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। किसी भी जीव के पोषक तत्व की आवश्यकता उसके जैव रासायनिक संघटन पर निर्भर करती है। बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए एक न्यूट्रिएंट मीडिया की आवश्यकता होती है, जिसमे वृद्धि के लिए जरूरी सभी चीजें शामिल होती हैं। बैक्टीरिया को कल्चर करने के लिए कई प्रकार के कल्चर मीडिया विकसित किए गए हैं, क्योंकि इनकी पोषक तत्वो की अवश्यकता आम तौर पर बदलती रहती है। बैक्टीरिया को पोषण के आधार पर कई प्रकार से विभाजित किया गया है। 

B.Sc 1 year Microbiology Paper 1 - General Microbiology and Cell Structure Unit 1, B.Sc Hindi Notes

B.Sc 1 year Microbiology Paper 1 - General Microbiology and Cell Structure Unit 1

                                                Unit 1

Topic 1 - Indian Traditional Knowledge and Global Historical Background of Microbiology and Topic 4 - Contribution of scientists in the field of Microbiology

टॉपिक 1 - माइक्रोबायोलॉजी (सूक्ष्मजीव विज्ञान) का भारतीय पारंपरिक ज्ञान और वैश्विक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तथा टॉपिक 4 - माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों का योगदान

इस आर्टिकल में आपको B.Sc माइक्रोबायोलॉजी 1 Year के Paper 1 के 1 & 4 टॉपिक के नोट्स दिए गए हैं। हमने कुछ प्रश्न भी दिए हैं जिनके आधार पर परीक्षा में आपसे प्रश्न पूछे जाते हैं।  इससे आप लोगो को यह आइडिया लगाने में मदद मिलेगी की परीक्षा में प्रश्न किस प्रकार आ सकते हैं।


प्रश्न 1 - माइक्रोबायोलॉजी पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
प्रश्न 2 - माइक्रोऑर्गेनिज्म  (सूक्ष्मजीवों) के बारे में बताएं।
प्रश्न 3 - माइक्रोबायोलॉजी के इतिहास के बारे में बताइए
प्रश्न 4 - माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में योगदान करने वाले विभिन्न वैज्ञानिकों के बारे में लिखिए।
प्रश्न 5 - लुईस पाश्चर, एंटनी वान लीउवेनहॉक और एडवर्ड जेनर पर नोट लिखिए


क्योंकि हम माइक्रोबायोलॉजी (सूक्ष्मजीव विज्ञान)की पहली unit के बारे में अध्ययन कर रहे हैं तो सबसे पहले माइक्रोबायोलॉजी और माइक्रोऑर्गेनिज्म को समझना आवश्यक है। तो आइए पहले इन परिभाषाओ को समझे -

B.sc 2 Year Microbiology Paper 1 Microbial Physiology and Metabolism , B.Sc हिन्दी नोट्स

B.sc 2 Year Microbiology

Paper 1 Microbial Physiology and Metabolism

Unit 1 Biomolecules/जैव अणु


जैसा कि हम सब जानते हैं, जीवों का शरीर कोशिकाओं से मिल कर बना है। कोशिका शरीर की सबसे छोटी संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई है, इन कोशिकाओं में पाए जाने वाले समस्त रासायनिक अणु जैव अणु या जैविक अणु कहलाते हैं। यह जीवन के आधार स्तम्भ है तथा जीवों में कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। ये आकार व आकृति में भिन्न भिन्न होते है अतः इनके कार्यों में भी भिन्नता होती है। कई जैव अणु पॉलीमर होते है अर्थात् ये कई छोटे छोटे अणुओं से मिलकर बने होते है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड तथा न्यूक्लिक एसिड मुख्य जैव अणुओं में आते हैं।