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बायोसेंसर - परिभाषा, वर्किंग प्रिंसिपल, विशेषताएँ, प्रकार तथा अनुप्रयोग | B.sc Biotechnology/microbiology Hindi me

बायोसेंसर क्या है ?

बायोसेंसर एक ऐसा सेंसिंग डिवाइस है जो बायोलॉजिकल सिस्टम को डायरेक्ट शामिल किये बिना किसी पदार्थ की सांद्रता या अन्य बायोलॉजिकल पैरामीटर को निर्धारित करता है। बायोसेंसर ट्रांसड्यूसर का उपयोग करके बायोलॉजिकल सेंसिंग एलिमेंट तथा डिटेक्टर के बिच कनेक्शन बनता है।

बायो का अर्थ है - जीवित सिस्टम तथा सेंसर का अर्थ है - किसी भी चीज को डिटेक्ट या सेन्स करने वाला डिवाइस, इस प्रकार बायोसेंसर शब्द का अर्थ है बायोलॉजिकल रिस्पांस को सेन्स करके इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करने वाला डिवाइस। सबसे अधिक ज्ञात बायोसेंसर ग्लूकोज बायोसेंसर है।

B.sc 2 Year Microbiology Paper 1 Microbial Physiology and Metabolism , B.Sc हिन्दी नोट्स

B.sc 2 Year Microbiology

Paper 1 Microbial Physiology and Metabolism

Unit 1 Biomolecules/जैव अणु


जैसा कि हम सब जानते हैं, जीवों का शरीर कोशिकाओं से मिल कर बना है। कोशिका शरीर की सबसे छोटी संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई है, इन कोशिकाओं में पाए जाने वाले समस्त रासायनिक अणु जैव अणु या जैविक अणु कहलाते हैं। यह जीवन के आधार स्तम्भ है तथा जीवों में कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। ये आकार व आकृति में भिन्न भिन्न होते है अतः इनके कार्यों में भी भिन्नता होती है। कई जैव अणु पॉलीमर होते है अर्थात् ये कई छोटे छोटे अणुओं से मिलकर बने होते है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड तथा न्यूक्लिक एसिड मुख्य जैव अणुओं में आते हैं।